India:- जैसा कि हम सभी को पता है की अब भारत 76 वे स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है और इस स्वतंत्रा में भारत के कई भी जवानों ने अपना बलिदान दिया है। भारत को आजाद कराने में हमारे कई भी जवानों में बलिदान दिया है जिनमें से एक खुदीराम बोस भी थे जिन्होंने 18 साल की उम्र में अंग्रेजों को बहुत बुरी तरह से मार दी और अंत में खुद को बलिदान कर दिया। भारत की आजादी के लिए एवं स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है इन्हीं लिस्ट में से एक नाम खुदीराम बोस का भी है जिन्होंने बड़ी बहादुरी से अंग्रेजों के साथ लड़ाई की एवं उन्हें काफी ज्यादा परेशान भी किया।
तो आज हम खुदीराम बोस के बारे में ही जानेंगे या फिर खुदीराम बोस कौन थे उन्होंने भारत के लिए क्या-क्या किया।
खुदीराम बोस कौन थे ?
खुदीराम बोस पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। 3 दिसंबर 8889 को जन्मे खुदीराम बोस ने कम उम्र में अपने माता पिता को खो दिया तथा उनकी बड़ी बहन ने उन्हें पाला पोसा जब भी देश के लिए स्वतंत्रता क्रांतिकारियों की बात होती है तो उन्हें सबसे छोटे उम्र के क्रांतिकारी के तौर पर याद किया जाता है। जब 11 साल की थी तब ही उन्होंने आजादी की जंग में शामिल होने का फैसला कर लिया फिर 1905 में यानी 16 साल की उम्र में इस जंग में कूद पड़े और उन्होंने बहादुरी के साथ अंग्रेजों के साथ जंग लड़ी।
क्यों थे अंग्रेज परेशान खुदीराम बोस से?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खुदीराम बोस को 15 साल की उम्र में ही गिरफ्तार कर लिया गया था जब खुदीराम बोस ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था जब वे कोलकाता में थे तो उस वक्त वहां के प्रेसिडेंट मजिस्ट्रेट डगलस एच किंग्सफोर्ड थे। और भी सेनानियों को कड़ी सजा देने के लिए जाने जाते थे। और वे सभी क्रांतिकारियों को मारना चाहते थे, हालांकि कई बार क्रांतिकारियों के प्लान फेल हो गए।
अंत में खुदीराम बोस को 11 अगस्त 1960 को फांसी दे दी गई उस समय उनकी उम्र महज 18 साल और कुछ ही महीने थी अंग्रेज सरकार उनकी निर्भरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के होने के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।